शहर के कई इलाकों में सड़कों पर 6 से 7 फुट तक पानी जमा है। लोग छतों पर ठिकाना बनाने को मजबूर हैं। यहां तक कि मंत्री और विधायक के घरों में भी पानी घुस गया है। कोचिंग हब कहे जाने वाले राजेंद्रनगर में हॉस्टल में फंसीं सैकड़ों छात्राओं को रेस्क्यू किया गया है।
पटना
बिहार में पिछले पांच दिनों से हो रही मूसलाधार बारिश के बाद बिहार में जिंदगी पूरी तरह ठप है। बारिश से जुड़े हादसों में मरने वालों की संख्या 29 तक पहुंच गई है। इस बीच मौसम विभाग ने अगले 24 घंटे के दौरान पटना सहित राज्य के अन्य जिलों में फिर भारी बारिश की चेतावनी देते हुए अलर्ट जारी किया है। उधर, खुद उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी अपने आवास में फंस गए थे। बाद में उन्हें एनडीआरएफ की टीम ने बाहर निकाला।
उधर, बिहार में बारिश से मचे हाहाकर के बीच राजनीति भी शुरू हो गई है। एक तरफ जहां बीजेपी विधायक ने प्रशासन पर सहयोग नहीं करने का आरोप लगाया है। वहीं, लालू यादव के बेटे और सूबे के पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने बारिश के बहाने नीतीश कुमार पर तंज कसा है। हालांकि इस बीच कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने अपने कार्यकर्ताओं से राहत और बचाव कार्य में जुट जाने की अपील की है।
लगातार बारिश से राजधानी पटना झील में तब्दील हो चुकी है। हालात के मद्देनजर केंद्रीय मंत्री और पटना साहिब से सांसद रविशंकर प्रसाद भी पटना पहुंच गए हैं। उधर, बीजेपी विधायक अरुण सिन्हा ने प्रशासन पर सहयोग नहीं करने का आरोप लगाया है। सिन्हा ने कहा कि प्रशासन से उचित सहयोग नहीं मिलने के कारण ही रविशंकर प्रसाद का पटना आना पड़ा है।
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अगले 24 घंटे भारी बारिश के आसार
उधर, पटना में मौसम विभाग ने फिर बारिश का अलर्ट जारी किया है। मौसम विभाग ने अपने पूर्वानुमान में कहा है, 'अगले 24 घंटे के दौरान पटना सहित राज्य के अधिकांश क्षेत्रों में बादल छाए रहेंगे तथा कई इलाकों में भारी बारिश के आसार हैं।' बारिश और जलजमाव के कारण पटना सहित विभिन्न जिलों के शिक्षण संस्थानों को मंगलवार तक के लिए बंद करने का निर्देश दिया गया है।
'नेहरू और लालू को दोषी ठहराएं नीतीश जी'
उधर, बारिश के बहाने नीतीश सरकार पर तंज कसते हुए तेजस्वी ने कहा, 'बिहार में पिछले 15 साल से नीतीश कुमार के नेतृत्व में एनडीए की सरकार है। अब नीतीश जी और सुशील मोदी को जलभराव के लिए मुगलों, जवाहर लाल नेहरू, लालू यादव, मौसम, प्रकृति और नक्षत्र को दोषी ठहराना चाहिए...।'
बता दें कि शहर के कई इलाकों में सड़कों पर 6 से 7 फुट तक पानी जमा है। लोग छतों पर ठिकाना बनाने को मजबूर हैं। यहां तक कि मंत्री और विधायक के घरों में भी पानी घुस गया है। कोचिंग हब कहे जाने वाले राजेंद्रनगर में हॉस्टल में फंसीं सैकड़ों छात्राओं को रेस्क्यू किया गया है। वहीं, हजारों कोचिंग स्टूडेंट अब भी फंसे हुए हैं। एनडीआरएफ के साथ ही एसडीआरएफ की टीम राहत और बचाव कार्य में जुटी हुई है।
उधर, पटना पहुंचे रविशंकर प्रसाद ने कहा, 'मैंने अपने विधायकों और अधिकारियों के साथ बैठकें की हैं। मुझे सूचित किया गया है कि फरक्का बैराज के सभी गेट खोल दिए गए हैं और कोल इंडिया से बड़े पंप उपलब्ध कराए जाएंगे। एनडीआरएफ ने सूचित किया है कि पर्याप्त नावें हैं।' उन्होंने आगे कहा, 'एक हेलिकॉप्टर मदद के लिए पहुंच गया है। दूसरा गोरखपुर से राहत सामग्री प्रदान करने के लिए आएगा। पटना और बिहार के लोगों की मदद के लिए हम पूरी तरह जुटे हुए हैं।'
पिछले कुछ दिनों से हो रही भारी बारिश से राजधानी पटना समेत बिहार के कई जिलों में हाहाकार मचा हुआ है। बारिश के आगे सरकार किस कदर बेबस है, इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि पटना के कई इलाकों में सड़कों पर 6 से 7 फुट तक पानी जमा है। नीतीश कुमार भी नेचर पर किसी का वश नहीं बयान देकर अपनी बेबसी जता चुके हैं। तस्वीरों में देखें, बारिश ने कर दिया बिहार का कैसा बुरा हाल...
राजेंद्र नगर में जलभराव वाले इलाके में दो महिलाएं साफ पीने का पानी लेने जाते हुए। बता दें कि गंगा-गंडक जैसी प्रमुख नदियों का जलस्तर बढ़ रहा है। सीएम नीतीश कुमार ने आपदा प्रबंधन विभाग को तैयार रहने के निर्देश दिए हैं। बिहार में 15 जिलों में रेड अलर्ट जारी किया गया है।
खगौल में एक ऑटो पर पेड़ गिरने से चार लोगों की मौत हो गई। भारी बारिश में जड़ से उखड़ गया था पेड़।
अब तक 29 की मौत
बिहार राज्य आपदा प्रबंधन अथॉरिटी के मुताबिक राज्य में 29 लोगों की मौत हो चुकी है। मौसम विभाग ने 14 जिलों में रेड अलर्ट जारी किया है। हालांकि विभाग ने पूर्वानुमान लगाया है कि सोमवार को बारिश से थोड़ी राहत मिल सकती है। पटना और दरभंगा में मंगलवार तक सभी स्कूल-कॉलेज बंद हैं। मौसम विभाग ने राज्य के 9 जिलों में ऑरेंज और 5 जिलों में यलो अलर्ट जारी किया है। बिहार सरकार ने बाढ़ प्रभावित इलाकों में फंसे लोगों को एयरलिफ्ट करने और फूड पैकेट गिराने के लिए भारतीय वायुसेना से दो हेलिकॉप्टर की मांग की है।
मुख्यमंत्री ने कहा, हमारे हाथ में नहीं था
बता दें कि इससे पहले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने प्रदेश में लगातार हो रही मूसलाधार बारिश के मद्देनजर रविवार को आपदा प्रबंधन विभाग के साथ बैठक की। उन्होंने पटना में जलजमाव वाले इलाकों का दौरा कर हालात का जायजा लिया। । बैठक के बाद मुख्यमंत्री ने कहा कि गंगा नदी के दोनों किनारे स्थित 12 जिलों में कहीं-कहीं लोगों के लिए दिक्कत की स्थिति पैदा हो गई। उन्होंने कहा कि यह प्राकृतिक आपदा है, यह हमारे हाथ में नहीं था। हम पीड़ितों की हर संभव सहायता का प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने राहत शिविरों का इंतजाम किया गया है। इन हालात में लोगों को हौसला बुलंद रखना पड़ेगा।